बरेली। बरेली लोकसभा सीट पर सपा की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। सपा जिला उपाध्यक्ष हैदर की बगावत के बाद अब बरेलवी उलेमाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि समाजवादी पार्टी मुसलमानों के वोटों की तिजारत कर रही है। मुसलमान चुनाव में सपा को दूध की मक्खी की तरह निकालकर फेंक दें। अखिलेश यादव मुसलमानों के हमदर्द नहीं हैं। बरेली लोकसभा से सपा प्रत्याशी का करें बहिष्कार और नोटा का बटन दबाएं। आंवला, बदायूं सीट के लिए उलेमा ने बीएसपी का समर्थन किया है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि हजारों की तादाद में मुसलमान उलमा से पूछ रहे हैं कि हम वोट किसको दें। इसलिए आज मीटिंग कर महत्वपूर्ण फैसला लिया है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभाओं में मुसलमान शब्द इस्तेमाल करते हुए डर रहे हैं। स्टेज से दाढ़ी-टोपी वाले मुसलमानों को धक्के देकर उतारा जा रहा है। मुस्लिम चेहरों को हाशिए पर कर दिया है। 22 मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों पर गैर मुस्लिमो को टिकट दिया गया है। राज्यसभा व विधान परिषद और संसद में मुसलमानों की नुमाइंदगी को एक साजिश के तहत खत्म किया जा रहा है। मौलाना शहाबुददीन ने कहा कि बरेली में सपा की सभा में आजम खां का फोटो तक नहीं लगाया गया, उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में कई सपा मुस्लिम विधायक और आजम खां सालों से जेल में है, इन तमाम चीजों के जिम्मेदार अखिलेश यादव हैं। उन्होंने मुसलमानों के मुद्दों से अपने आप को अलग थलग कर रखा है। दाढ़ी टोपी से नफरत कर रहे अखिलेश यादव, मुसलमान खत्म कर देगा उनकी तिजारत अखिलेश यादव मुसलमानों की दाढ़ी और टोपी से नफरत करते हैं। उन्होंने मुसलमानों को अपना मजदूर समझ रखा है। उनकी नजर में मुसलमान दरी बिछाने और कुर्सी लगाने के अलावा कोई हैसियत नहीं रखता, वो हमेशा मुसलमानों को बीजेपी और आरएसएस का डर व खौफ दिखाते रहते है। मुसलमानों के अंदर सियासी सूझबूझ न होने की वजह से अखिलेश यादव मुसलमानों का इस्तेमाल करते है। इस चुनाव में मुसलमान उनकी तिजारत को बंद कर देगा। अब दरी बिछाने और कुर्सी लगाने के बजाय सत्ता को छीनने की कोशिश करेगा। बरेली लोकसभा से भाजपा और सपा प्रत्याशी के अलावा किसी नेशनल पार्टी से कोई मुसलमान उम्मीदवार नहीं है। बिचपुरी के मुसलमानों पर बुल्डोजर चला लेकिन सपा प्रत्याशी कहीं नहीं दिखे। पुराने शहर में मोहर्रम के जुलूस को रोका गया वो कहीं दूर दूर तक नजर नहीं आये। इज्जतनगर रेलवे स्टेशन मजार को तोड़ने का नोटिस दिया गया। मुसलमान बहुत बैचेन थे। मगर कहीं नजर नहीं आए। मुसलमान सपा प्रत्याशी का नोटा बटन दबाकर बहिष्कार करें। इस दौरान मुस्लिम उलमा मौलाना हाफिज नूर अहमद अजहरी, मुफ्ती मजहर इमाम कादरी, मौलाना मुजाहिद हुसैन, मौलाना अरबाज रजा, मौलाना अनिसुल रहमान, मौलाना अब्सार अहमद के साथ ही मुस्लिम जमात के भी पदाधिकारी थे।